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जन्मदिन पर एक अनोखा तोहफा मिलना कैसा
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लगेगा आज हम एक ऐसी ही कहानी के बारे में
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बात करेंगे जो हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण
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सबक सिखाती है कल्पना कीजिए एक बच्चा अपने
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जन्मदिन पर उत्साह से अपने तोहफे खोल रहा
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है वह एक सुंदर रंगीन कागज में लिपटा एक
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बड़ा सा डिब्बा देखता है लेकिन जब वह उसे
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खोलता है तो पाता है कि डिब्बा खाली है
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पहली नजर में यह निराशाजनक लग सकता है
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लेकिन डिब्बे के अंदर एक छोटा सा नोट है
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जिस पर लिखा है अपनी अच्छाई से इसे भरो यह
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सरल वाक्य एक गहरा संदेश छिपाए हुए है यह
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तोहफा दरअसल एक अनमोल सीख है यह बच्चे को
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सिखाता है कि जीवन में सबसे कीमती चीजें
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वे नहीं है जो हम खरीद सकते हैं या दूसरों
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से पा सकते हैं बल्कि वे हैं जो हम खुद
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अपने भीतर से पैदा करते हैं हमारी दयालुता
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हमारी करुणा और हमारे अच्छे कर्म यह खाली
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डिब्बा हमें याद दिलाता है कि हम अपने
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जीवन को कैसे भरना चाहते हैं यह हमारी
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अपनी जिम्मेदारी है हम अपने कार्यों और
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व्यवहार से अपने आसपास की दुनिया को बेहतर
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बना सकते हैं यह संदेश हमें सिखाता है कि
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हमारा आत्म मूल्य बाहरी चीजों पर निर्भर
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नहीं करता यह हमारे भीतर की अच्छाई से आता
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है जब हम दूसरों के प्रति दयालु होते हैं
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जब हम मदद करते हैं जब हम प्यार बांटते
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हैं तब हम अपने जीवन के खाली डिब्बे को भर
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रहे होते हैं तो आइए हम सभी अपने जीवन के
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इस खाली डिब्बे को अच्छाई प्रेम और करुणा
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से भरने का संकल्प लें क्योंकि अंत में
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यही वह चीजें हैं जो हमारे जीवन को सार्थक